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Wednesday, October 5, 2011

जय श्री राम



राम ही तो करुणा मेँ है शांति मेँ राम है,
राम ही एकता मेँ प्रगति मेँ राम है,
राम तो भक्तोँ के और शत्रु के भी चिँतन मेँ है,
देख तज के पापी रावण राम तेरे मन है,
राम तेरे मन मेँ है राम मेरे मन मेँ हैँ,
राम तो घर घर मेँ है राम हर आंगन मेँ है,
मन से रावण जो निकाले राम उसके मन मेँ है...
सत्य एवं धर्म की विजय पर आप सभी को बधाई

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