सनातन धर्म
सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) किसी व्यक्ति विशेष द्वारा स्थापित किया गया नहीं है।
यह पुराने समय से चले आ रहे अलग-अलग मतों और आस्थाओं से मिलकर बना है।
समय के साथ-साथ इस धर्म में ऐसे नए विश्वास और मत जुड़ते गए, जो समय की कसौटी पर खरे थे।
इसलिए ही सनातन धर्म को एक विकासशील धर्म कहा जाता है।
सनातन धर्म के मूल तत्वों में सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा और दान मुख्य हैं और इन सबका विशेष महत्त्व है।
इसलिए अपने मन, वचन और कर्म से हिंसा से दूर रहने वाले मनुष्य को हिन्दू कहा गया है।
सनातन धर्म का इतिहास वेदकाल से भी पहले का माना गया है और वेदों की रचना 4500 ई।पू। शुरू हुई।
हिन्दू इतिहास ग्रंथ महाभारत और पुराणों में मनु (जिसे धरती का पहला मानव कहा गया है) का उल्लेख किया गया है।
पुराणों के अनुसार सनातन धर्म सृष्टि के साथ ही पैदा हुआ।
पुराना और विशाल होने के चलते इसे ‘सनातन धर्म’ के नाम से भी जाना जाता है।
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